डॉ. हर्षवर्धन की अध्यक्षता में कोविड-19 पर मंत्री समूह की 24​ वीं बैठक

PIB Deelhi : केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज  वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड ​​-19 पर उच्च स्तरीय मंत्री समूह की 24 वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस असवर पर उनके साथ  केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री हरदीप एस पुरी,पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)और रासायनिक और उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया,स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय उपस्थित थे। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद के पॉल ने इस बैठक में वर्चुअल माध्यम से हिस्सा लिया।

देश में चलाए जा रहे दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अबतक 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 3 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को कोविड का टीका लगाया जा चुका है। आज सुबह 9 बजे तक यह आंकड़ा 9.43 करोड़ हो चुका था।उन्होंने बताया कि भारत ने वैक्सीन मैत्री के माध्यम से वैश्विक समुदाय को टीकों की आपूर्ति की है। इसके तहत कोविड-19 के टीकों की 6.45 करोड़ खुराक 85 देशों को निर्यात की गई है। वाणिज्यिक अनुबंध के तहत 25 देशों को 3.58 करोड़ टीकों की आपूर्ति की गई है जबकि 1.04 करोड़ टीके 44 देशों को अनुदान के रूप में और 1.82 करोड़ टीके 39 देशों को COVAX के तहत भेजे गए हैं।डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि 149 जिलों में पिछले 7 दिनों में कोविड का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। इसी तरह से 8 जिलों में पिछले 14 दिनों में,3 जिलों में पिछले 21 दिनों में और 63 जिलों में पिछले 28 दिनो में ऐसे किसी नए मामले की जानकारी सामने नहीं आयी है। 

अबतक की गई कुल कोविड जांच और स्वास्थ्य सेवाओं की बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता पर प्रकाश डालते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब तक कुल 25,71,98,105 कोविड जांच की जा चुकी है। पिछले 24 घंटों में 13,64,205 कोविड जांच की गई है। इस समय देश में कोविड जांच करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या 2449 है, जिसमें से 1230 सरकारी  प्रयोगशालाएँ और 1219 निजी  प्रयोगशालाएँ हैं। उन्होंने कहा कि देश ने कोविड महामारी के प्रबंधन के लिए अस्पतालों  के बुनियादी ढांचों में काफी सुधार किया है। इसके लिए 2084 कोविड समर्पित अस्पताल (केंद्र: 89 और राज्य: 1995) कुल  4,68,974 कोविड बिस्तरों के साथ स्थापित किए गए हैं। इन बिस्तरों में से 2,63,573 विशेष रूप से अलग बिस्तर, 50,408 आईसीयू बिस्तर और 1,54,993 ऑक्सीजन सुविधा वाले बिस्तर हैं। इसके अलावा कोविड के इलाज के लिए विशेष रूप से  4043 (केंद्र: 85 और राज्यों: 3,958)  स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए गए हैं। इनमें कुल 3,57,096 बिस्तर हैं, जिनमें से 2,31,462 आइसोलेशन बिस्तर, 25,459 आईसीयू बिस्तर और 100175 ऑक्सिजन सुविधा वाले बिस्तर लगाए गए हैं।  कुल 12,673 क्वारंटीन  केंद्र और 9313 कोविड  देखभाल केंद्र भी दिल्ली में 28 कोविड  देखभाल केंद्रों के साथ स्थापित किए गए हैं, जिनमें 9,421 बिल्कुल अलग रखे जाने वाले बिस्तर हैं। डॉ. हर्षवर्धन ने राज्यों / केन्द्रशासित प्रदेशों और / केंद्रीय संस्थानों में वितरित किए गए  वेंटीलेटरों , कुल पीपीई और कुल एन 95 मास्क जैसे चिकित्सा उपकरणों की स्थिति का विवरण भी दिया।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड के नियंत्रण और प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी मानक संचा​लन प्रक्रिया के प्रभावी अनुपालन के लिए सामूहिक प्रयासों पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के साथ ही व्यक्तिगत स्तर पर उचित व्यवहार और अनुशासन बढ़ते महामारी के प्रकोप से निपटने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में प्रधानमंत्री की सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ कल हुई बैठक से उन्हें प्रेरणा और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है।

देश के कोविड से सबसे ज्यादा प्रभावित शीर्ष 11 राज्यों में इस महामारी की वर्तमान स्थिति पर एक विस्तृत प्रस्तुति के माध्यम से एनसीडीसी के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने बताया कि 8 अप्रैल 2021 को, भारत में सात दिनों में कोविड के मामलों के बढ़ने की दर (12.93प्रतिशत) रही जो अमरीका और ब्राजील के बाद तीसरे नंबर पर है। उन्होंने बताया कि देश में ऐसे दैनिक मामलों की औसत वृद्धि दर 5.37 प्रतिशत  (8 अप्रैल 2021 को) पाई गई फिर भी राष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु दर घटकर 1.28 प्रतिशत रह गई। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामलों में आए मौजूदा उछाल के चलते रिकवरी दर घटकर 91.22 प्रतिशत पर आ गई है।

यह भी बताया गया कि देश में कोरोना के कुल मामलों में से 54 प्रतिशत मामले और कोरोना से होने वाली मौत के 65 प्रतिशत मामले अकेले ग्यारह राज्यों से हैं।  पिछले 14 दिनों के दौरान महाराष्ट्र और पंजाब में अनुपातिक रूप से मौत के मामलों में तेजी  आने से देश के ग्यारह राज्यों में  मरने वालों की दर का आंकड़ा 64 प्रतिशत पर पहुंच गया है।फरवरी 2021 से इन सभी 11 राज्यों में कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है। ऐसे अधिकांश मामले (15-44 वर्ष की आयु वर्ग) में और मौत के अधिकांश मामले  (60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग ) की आबादी में देखे गए हैं।  महाराष्ट्र में यह (25%) और छत्तीसगढ़ में (14%) में पाई गई है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कई राज्यों में आरटी पीसीआर परीक्षण का अनुपात संतोषजनक नहीं रहा है और साथ ही कई राज्यों में निजी प्रयोगशालाओं की परीक्षण क्षमता का पूरा लाभ नहीं उठाया गया।  इसके अलावा इन राज्यों में स्थिति का जायजा लेने गई केन्द्रीय टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोविड की रोकथाम के लिए लागू किए गए नियमों का सही तरह से अनुपालन नहीं होने तथा कंटेनमेंट जोन घोषित किए गए इलाकों और सामाजिक समारोह की बेलगाम गतिविधियों के कारण भी केाविड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

डॉ.वी.के पॉल ने टीकाकरण के संबंध में विश्व स्तर पर आयुवर्ग को लेकर अपनायी जा रही  प्राथमिकताओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि इसी वैज्ञानिक और साक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण को अपनाते हुए  भारत सरकार ने अपने यहां विभिन्न  आयु समूहों में कोविड  टीकाकरण को प्राथमिकता दी है। उन्होंने मौजूदा टीकों का  उत्पादन बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों और  नैदानिक ​​परीक्षणों से गुजरने वाले टीकों की क्षमता और उन्हें प्रयोग में लाने की समय अवधि के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री राजेश भूषण, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिवश्री अमित खरे,नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव श्री प्रदीप सिंह खारोला,डीपीआईआईटी के सचिव डॉ गुरुप्रसाद महापात्र, फार्मास्यूटिकल्स विभाग की सचिव श्रीमती एस अपर्णा, कपड़ा मंत्रालय के सचिव श्री उपेंद्र प्रसाद सिंह, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव तथा आईसीएमआर के महानिदेशक श्री दम्मू रवि ,विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री गोविंद मोहन, गृह मंत्रालय के अतरिक्त सचिव डॉ सुनील कुमार, एनसीडीसी के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह तथा  अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में भाग लिया। इस मौके पर प्रख्यात सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ आर गंगाखेड़कर भी उपस्थित थे।


एमजी/एएम /एमए

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