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सभी आनंदक भारतीय संस्कृति के सच्चे संवाहक

Madhya Pradesh News (MPIB) सभी आनंदक भारतीय संस्कृति के सच्चे संवाहक है। लोकोपकार करना, दूसरों के दुख दूर करने के लिए तन-मन-धन से खड़े हो जाना और मानव के साथ-साथ जीव-जंतुओं के लिए दया और करुणा का भाव, एक आनंदक का मूल स्वभाव और भारतीय मिट्टी का संस्कार है। यह बात संस्कृति, पर्यटन और आध्यात्म मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने आध्यात्म विभाग के राज्य आनंद संस्थान द्वारा वर्चुअली आयोजित कार्यक्रम ‘अनुभूति’ के दौरान, इंदौर और उज्जैन संभाग के आनंदकों को संबोधित करते हुए कही। सुश्री ठाकुर ने गोस्वामी तुलसीदास की पंक्तियाँ ‘पर हित सरिस धर्म नहिं भाई। पर पीड़ा सम नहिं अधमाई॥’ दोहराते हुए कहा कि दूसरों की भलाई के समान कोई धर्म नहीं है और आप सभी आनंदकों द्वारा की जा रही जन-मानस की निःस्वार्थ सेवा अनुकरणीय है। सुश्री ठाकुर ने कोविड-19 संकट के समय में आनंदको द्वारा किये गये प्रयासों की सराहना की, साथ ही उन्हें ग्लोबल वार्मिंग को रोकने और ओजोन परत संरक्षण के लिए वृक्षारोपण और यज्ञ करने के लिए प्रोत्साहित भी किया।

कार्यक्रम में इंदौर और उज्जैन संभाग के आनंदकों ने आनंद के प्रसार में किये गये प्रयासों का प्रस्तुतिकरण मंत्री सुश्री ठाकुर के सामने किया। उन्होंने बताया कि कोरोना संकट काल के समय आम जन-मानस में मनोबल बढ़ाने, मानसिक तनाव को दूर करने और स्वस्थ जीवन-शैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिये विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। सभी 14 जिलों में आनंद क्लब और आनंदक कार्यकर्ताओं के माध्यम से मास्क वितरण, सैनिटाइजर वितरण, रक्तदान और प्लाज्मा दान, राशन वितरण के साथ-साथ ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था और मेडिसिन वितरण का कार्य भी किया जा रहा है। इंदौर में म्यूजिक थेरेपी के माध्यम से लोगों का तनाव दूर किया जा रहा हैं। वहीं बड़वानी में अन्य सामाजिक संगठन जैसे लायंस क्लब के सहयोग से गरीब और जरूरतमंदों को भोजन वितरण भी किया जा रहा है

कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी राज्य आनंद संस्थान श्री अखिलेश अर्गल सहित इंदौर और उज्जैन संभाग के आनंद क्लब के प्रतिनिधि वर्चुअली उपस्थित रहे।

अनुराग उइके
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