मध्यप्रदेश में अनुसूचित-जाति वर्ग की आबादी के मान से बजट प्रावधान • मीना सिंह

भोपाल समाचार : प्रदेश में अनुसूचित-जाति वर्ग के लोगों की शैक्षणिक, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिये राज्य सरकार ने अपने बजट में पर्याप्त राशि का प्रावधान किया है। इसके लिये प्रदेश की अनुसूचित-जाति की आबादी के मान से विभागीय बजट में 15.6 प्रतिशत राशि का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2002-03 में विभागीय बजट जहाँ करीब 298 करोड़ रुपये हुआ करता था, वह वर्ष 2021-22 में बढ़कर करीब 1498 करोड़ रुपये हो गया है। इस प्रकार इस अरसे में बजट में पाँच गुना वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान अनुसूचित-जाति वर्ग के प्रति अति संवेदनशील है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समाज के सभी वर्गों के बीच अनुसूचित-जाति के प्रति सामाजिक समरसता कायम करने के लिये भी ठोस प्रयास किये हैं।

विभाग द्वारा तैयार किया गया रोडमैप

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के मकसद से अनुसूचित-जाति कल्याण विभाग द्वारा रोडमैप तैयार किया गया है। रोडमैप में योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने तथा ऑनलाइन स्वीकृति की व्यवस्था की गई है। हितग्राहियों की जानकारियों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। विभाग ने ई-ऑफिस सिस्टम को लागू करने के लिये जिलों से होने वाले पत्राचार को पेपरलेस किया जा रहा है। योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये वार्षिक कैलेण्डर तैयार कर पालन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। विभाग की रोजगारमूलक योजनाओं और कौशल उन्नयन की योजनाओं का ग्रामीण विकास, उद्योग, कृषि, उद्यानिकी और तकनीकी विभाग के साथ कन्वर्जेंस कर पुनर्गठन किया जा रहा है।

शिक्षा विकास की कुँजी

प्रदेश की अनुसूचित-जातियों का शैक्षिक उत्थान राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। अनुसूचित-जाति के बालक-बालिकाओं के शैक्षणिक उत्थान के लिये अनेक योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना में इस वर्ष अब तक कक्षा-11वीं से महाविद्यालयीन स्तर तक के करीब 4 लाख 40 हजार से अधिक विद्यार्थियों को 396 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति राशि उपलब्ध करायी गई है। पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति में स्वीकृति तथा वितरण में पारदर्शिता लाने के लिये ऑनलाइन फार्म जमा करने की व्यवस्था लागू की गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 से और अधिक पारदर्शिता लाने के मकसद से छात्रवृत्ति का भुगतान आधार लिंक बैंक खातों में करने की योजना बनाई गई है। वर्ष 2021-22 में पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिये 404 करोड़ रुपये की राशि प्रावधानित है। प्रदेश में इस वक्त कक्षा-एक से 10 तक के 17 लाख से अधिक अनुसूचित-जाति वर्ग के विद्यार्थियों को प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना का लाभ दिया जा रहा है।

कन्या साक्षरता

प्रदेश में अनुसूचित-जाति वर्ग की कन्याओं को मेट्रिक की शिक्षा के बाद आगे की शिक्षा के लिये प्रोत्साहित किये जाने के मकसद से कन्या साक्षरता योजना संचालित है। योजना में कक्षा-10वीं पास करने वाली कन्याओं को कक्षा-11 में प्रवेश लेने पर तीन हजार रुपये सालाना की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। अगले वित्त वर्ष में इसके लिये 13 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के अवसर

राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित-जाति के विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास के लिये उन्हें देश के बाहर विदेश में प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन करने के अवसर भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। करीब 100 विद्यार्थियों को विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये भेजा जा चुका है। चयनित विद्यार्थियों के पढ़ाई समेत अन्य इंतजामों का खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है।

विभागीय छात्रावास

प्रदेश में अनुसूचित-जाति के विद्यार्थियों को उत्कृष्ट स्तर की शैक्षणिक सुविधा देने के लिये 1933 सरकारी और 48 प्रायवेट आवासीय संस्थाएँ अनुदान की सहायता के साथ संचालित हैं। इन संस्थाओं में इन वर्गों के करीब एक लाख विद्यार्थी आवासीय सुविधा के साथ शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इनमें 48 हजार बालिकाएँ हैं। अगले वित्त वर्ष में छात्रावासों के सुदृढ़ीकरण के लिये करीब 454 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

ज्ञानोदय विद्यालय

विभाग द्वारा अनुसूचित-जाति वर्ग के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं के लिये सभी संभागीय मुख्यालय पर ज्ञानोदय विद्यालय संचालित है। इन विद्यालयों में 6 हजार 400 सीट हैं। इन विद्यालय में स्मार्ट-क्लॉस का भी संचालन किया जा रहा है। इन विद्यालयों में सीबीएसई पाठ्यक्रमों को लागू करने पर विचार किया जा रहा है।

सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना

अनुसूचित-जाति के स्नातक युवकों को राज्य एवं केन्द्र शासन की सिविल सेवा परीक्षा में चयन हेतु प्रेरित करने के लिये प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण होने पर 40 हजार, मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर 60 हजार और अंतिम चयन होने पर 50 हजार रुपये की राशि दी जा रही है। इसी तरह लोक सेवा आयोग की परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण होने पर 20 हजार, मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण होने पर 30 हजार एवं अंतिम रूप से चयन होने पर 25 हजार रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। वर्ष 2019-20 में 28 छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में चयन होने पर राशि दी गई।

सिविल सेवा कोचिंग

प्रदेश के प्रतिभाशाली अनुसूचित-जाति वर्ग के विद्यार्थियों को संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी के लिये नई दिल्ली के 4 प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान में कोचिंग दिलाई जा रही है। योजना में प्रति वर्ष 100 अनुसूचित-जाति वर्ग के विद्यार्थियों को कोचिंग के लिये नई दिल्ली भेजा जा रहा है। वर्ष 2019-20 में 100 विद्यार्थियों का चयन कर उनकी कोचिंग पर 2 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई।

परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र

अनुसूचित-जाति कल्याण विभाग द्वारा 7 संभागीय मुख्यालयों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रीवा, सागर, ग्वालियर और उज्जैन में परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। इन केन्द्रों की क्षमता 1200 विद्यार्थियों की है। प्रशिक्षण केन्द्र में अनुसूचित-जाति एवं जनजाति वर्ग के युवाओं को कोचिंग की सुविधा दी जा रही है। चयनित युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा के अलावा बैंक, रेलवे, पुलिस सेवा एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जा रही है। वर्ष 2018-19 में 1025 युवाओं के प्रशिक्षण पर करीब 4 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई। चयनित युवाओं में से 84 अभ्यर्थियों का चयन मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा सहित अन्य सेवाओं में हुआ है।

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