zoo bhopal

MP News : वानिकी विकास के नए आयाम गढ़ता वन विभाग

भोपाल (MPIB): मंगलवार, मार्च 23, 2021

प्रदेश में स्थापित वनों के संरक्षण और संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रभावी पहल की गई है। इसी का परिणाम है कि वनों के साथ-साथ इस पर आश्रित ग्रामीणों की स्थिति में सुधार परिलक्षित हुआ है। वानिकी विकास की दिशा में अनेकानेक नीतिगत निर्णय लिए गए हैं, जिसके फलस्वरूप वन और वन्य-प्राणियों के बेहत्तर प्रबंधन के साथ ही वनों पर आश्रित वनवासियों के जीवन-स्तर में सुधार लाया जा सका है। यह सिलसिला अनवरत रूप से जारी है।

देश में सबसे अधिक बाघ इसी प्रदेश में है। पिछले साल बाघों की संख्या 526 होने के साथ प्रदेश को एक बार दोबारा टाईगर स्टेट का दर्जा मिला है। इसी तरह तेंदुओं की संख्या के मामले में भी हमारे प्रदेश ने कर्नाटक और महाराष्ट्र राज्य को पीछे छोड़कर तेंदुआ स्टेट दर्जा मिलने का गौरव हासिल किया है। प्रदेश में 3 हजार 421 तेंदुओं की संख्या पाई गई। देश में उपलब्ध तेंदुओं की संख्या में से 25 प्रतिशत अकेले मध्यप्रदेश में पाए गए हैं।

प्रदेश में 13 राष्ट्रीय उद्यान और 24 अभ्यारण्य स्थित है। मुकुन्दपुर में सफेद बाघ सफारी, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान-जू भोपाल और रायसेन में तितली पार्क है। वन्य-प्राणी संरक्षण के क्षेत्र में पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएँ और अवसर उपलब्घ कराए गए हैं।

प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर मध्यप्रदेश में 94 हजार 689 वर्ग किलोमीटर (64,68,900 हेक्टेयर) कुल वन क्षेत्र है, जो राज्य के भू-भाग का 30.72 फीसदी और देश के कुल वन क्षेत्र का तकरीबन 12.38 फीसदी है।

प्रदेश की वन नीति-2005 से लागू है। वन विभाग दो मोर्चों पर एक साथ काम कर रहा है। वन तथा वन्य जीवों की सुरक्षा को प्राथमिकता में रखते हुए उनके संवर्धन के साथ वनों पर आश्रित ग्रामीणों के सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में असरदार पहल की गई है।

राज्य सरकार का यह दृढ़ संकल्प है कि वानिकी के जरिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तक विभागीय योजनाओं का लाभ पहुँचना चाहिए, ताकि उन्हें मुख्य-धारा से जोड़कर आर्थिक रूप से समृद्ध किया जा सके। वन विभाग वनों की सुरक्षा और विकास के साथ-साथ वनों पर आश्रित वनवासियों के कल्याण के प्रति गंभीरता से कार्य कर रहा है।

error: Content is protected !!