महंगे विदेशी उपहार का झांसा देकर लाखों रूपये की धोखाधडी करने वाला अंतर्राष्ट्रीय नाइजीरियन सायबर सेल इन्दौर की गिरफ्त में

Madhya Pradesh News (MPIB) : सोशल मीडिया पर युवती एवं महिलाओं से गहरी दोस्ती कर उनको महंगे विदेशी उपहार का झॉसा देकर लाखों रूपये की धोखाधडी करने वाले अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के सदस्य नाइजीरियन युवक को इंदौर की सायबर सेल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक सायबर सेल श्री योगेश चौधरी के मार्गदर्शन में सायबर पुलिस ने यह सफलता हासिल की है।

मालवा मिल इन्दौर निवासी आवेदिका नीलम (परिवर्तित नाम) ने 18 नवम्‍बर 2020 को सायबर पुलिस में रिपोर्ट लिखाई थी कि एक विदेशी युवक डेविस लारेन्‍स ने फेसबुक के माध्यम से दोस्‍ती कर आवेदिका का मोबाईल नंबर प्राप्त कर उस पर विभिन्न विदेशी नंबरों से व्हाटसएप चैटिंग के माध्यम से विदेश से गिफ्ट भेजने तथा एयरपोर्ट पर गिफ्ट के क्‍लियरेन्‍स के नाम पर उससे विभिन्‍न बैंक खातों में धोखाधड़ी पूर्वक 31 लाख 64 हजार रूपए जमा कराए हैं। सायबर क्राइम पुलिस द्वारा धारा 419,420 भादवि एवं 66 डी आईटी एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक सायबर सेल इंदौर श्री जितेन्‍द्र सिंह ने निरीक्षक अम्बरीश मिश्रा के नेतृत्‍व में टीम गठित कर बारीकी से विवेचना की।

विवेचना के दौरान दिल्ली में रहने वाला नाइजीरियन युवक Wisdom S/O Chimezie Obinna R/O City- Qwerri State- IMO Country- Nigeria At present Address- B-73 Ekta Enclave Burari Delhi की अपराध मे संलिप्ता पाई गई। युवक को पकड़ने के लिए एक टीम को नई दिल्ली रवाना किया गया। टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर विदेशी नाइजीरियन युवक को दिल्‍ली से धरदबोचा। आरोपी ने अपराध में शामिल होना कबूल किया है।

पूछताछ में आरोपी विज्डम(WISDOM) ने बताया कि वह वर्ष 2014 एवं वर्ष 2017 में भारत बिजनेस वीजा पर आया था। वीजा खत्म होने के बाद अवैध रूप से दिल्ली एनसीआर में रहकर इस ठगी के कार्य में सक्रिय हो गया। गिरोह के सदस्‍य अलग-अलग विदेशी फर्जी नामों से फेसबुक आईडी बनाकर भारतीय युवती एवं महिलाओं से चैटिंग कर उनको अपने झांसे में लेकर उनसे दोस्ती करते हैं। जब युवती एवं महिलाओं को उन पर पूरा विश्‍वास हो जाता था तब वे उनको महंगे गिफ्ट का लालच देते थे। उसके बाद गिरोह के अन्य सदस्य कस्टम अधिकारी बनकर युवती/महिलाओं से पार्सल छुडवाने की एवज में टेक्स व पेनल्टी के नाम पर रूपयों की डिमांड कर बैंक खाते व्हाटसएप के जरिए मैसेज करते है और रूपये ट्रांसफर करवाते हैं। जो युवती/महिलाएं रूपये नही डालती हैं, उनको ये लीगल एक्शन का डर दिखाकर जेल जाने की धमकी देकर घोखाधडी पूर्वक रूपये ट्रांसफर करवाते हैं।

आरोपी द्वारा मोटी रकम अलग-अलग भारतीय बैंक खाते व मोबाईल नंबर उपलब्‍ध करवाने वालों को दी जाती है। दलाल लोग बैंक खाते और फर्जी नामों से मोबाईल नंबर लेकर आरोपी को कोरियर के माध्यम से उसके बताए हुए पते पर भेज देते थे। बैंक खातें उपलब्ध करवाने वाले दलाल आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लोगों को पैसों का लालच देकर उनसे उनके दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खुलवाए जाते हैं। बैंक खातों की पासबुक व एटीएम कार्ड दलाल अपने पास रखकर आरोपियों को कोरियर के माध्यम से भेज देते थे।

राज्य सायबर सेल जोन इन्दौर की विवेचना में यह भी तथ्य सामने आया है कि आरोपी और उसके अन्य साथीगण भारतीय नागरिकों को लॉटरी ईनाम खुलने एवं विदेश में नौकरी देने का झाँसा देकर उनसे छल- कपट कर रूपयों की डिमांड करते हैं। जिसकी विस्‍तृत व सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में भी आरोपी से पूछताछ की जा रही है।

गिरफ्तार आरोपी से विभिन्‍न बैंकों की आठ पासबुक, तीन एटीएम कार्ड, दो लेपटॉप, तीन पेन ड्राइव, 9 मोबाईल फोन, आठ सिम कार्ड, दो डोंगल, पासपोर्ट एवं ग्‍यारह हजार रूपए नगद पुलिस ने जप्‍त किये हैं। सायबर क्राइम के इस प्रकरण में साक्ष्‍य संकलन और आरोपियों की धड़पकड़ करने में निरीक्षक श्री अंबरीश मिश्रा, प्रधान आरक्षक श्री राजेन्द्र जाट, श्री मनोज राठौङ, श्री रामप्रकाश वाजपेयी, श्री रामपाल, आरक्षक श्री राहुल सिंह गौर, श्री विजय बडोदकर, श्री विवेक मिश्रा और श्री रमेश भिडे की अहम भूमिका रही।

      अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक सायबर पुलिस श्री योगेश चौधरी ने आम जनता से अपील की है कि फेसबुक, व्‍हाट्सअप आदि के माध्‍यम से यदि कोई धनराशि हस्‍तान्‍तरित करने को कहता है तो वास्‍तविकता का पता लगाकर ही लेन-देन करें। व्‍यक्तिगत रूप से सम्‍पर्क किए बगैर पैसा कदापि जमा न करें। उन्‍होंने बताया कि फेसबुक आदि वेबसाइट पर फर्जी आकर्षक प्रोफाइल बनाकर ठगी करते हैं। जालसाज द्वारा बनावटी स्‍नेह और प्रेम दर्शाया जाता है। साथ ही लुभावने और महंगे उपहार भेजने का झांसा भी जालसाज देते हैं। संदेह होने पर तत्‍काल सायबर पुलिस को सूचना जरूर देनी चाहिए।

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