होमगार्ड मुख्यालय में शिल्प उपवन का लोकार्पण

भोपाल समाचार। माननीय राज्‍यपाल महोदय श्री मंगुभाई पटेल ने होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन मुख्यालय मध्यप्रदेश परिसर में नवनिर्मित शिल्प उपवन का लोकार्पण करते हुए कहा कि आपदा में बिना डरे, पीछे हटे अपना कर्तव्य निभाते हुए वीर जवानों के कौशल को इस शिल्प उपवन में प्रदर्शित करना सराहनीय है। मैं पत्थरों को तराश कर उन्हें जीवंत करने वाले शिल्पकारों को बधाई देता हूँ। उनकी वास्‍तुकला का शिल्प प्रभावशाली और रचना आकर्षित करने वाली है। विघ्नविनाशक गणेश, कामधेनु, शब्दब्रम्ह, चातक पक्षी, शिव-शक्ति, प्रकृति तथा उल्कापिण्डरूपी पाषाण में रचे गए ये नयनाभिराम शिल्प ईश्वर, प्रकृति और इंसान के रिश्तों का बखूबी आभास करा रहे हैं।

      उन्‍होंने कहा कि मुझे विश्वास है शिल्प उपवन सुरक्षाबलों द्वारा आपात स्थिति में फंसे लोगों के जीवन बचाने के बहुआयामी स्वरूपों को विस्तार देने और जवानों की सेवा, त्याग, तप से परिचित कराएंगा। आपदा के समय धैर्य, संयम की आवश्‍यकता और बचाव, राहत एवं प्रबंधन के कार्यों की जनजागृति में सहायक होगा।

      श्री पटेल ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि होमगार्ड चुनौतियों का सामना दृढ़ता और वीरता के साथ करने वाले वीरों का संगठन है। प्राकृतिक आपदा, महामारी और शांति-सुरक्षा से जुडे़ प्रबंधन, राहत और बचाव का कार्य अत्यंत चुनौतीपूर्ण है। कहा भी गया है सावधानी हटी, दुर्घटना घटी क्‍योंकि छोटी सी चूक भी बड़ी हानि का कारण बनती है। अत:जवानों का सदैव तनाव मुक्त रहना, धैर्य के साथ काम करना ज़रूरी हैं।इसके लिए निरंतर दक्षता प्राप्ति के कार्य और अभ्यास करते रहना चाहिए। समय-समय पर प्रशिक्षण और कौशल उन्नयन के आयोजन भी किए जाने चाहिए। इन आयोजनों में आपदा प्रबंधन के अनुभवों को साझा करना चाहिए। योग और खेलकूद को जीवन की दिनचर्या में शामिल करना भी ज़रूरी है।

      उन्‍होंने सभी को बधाई देते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि बाढ़ के दौरान नौ जिलों में हमारे होम गार्ड जवानों ने एसडीईआरएफ के सहयोग से 9 हज़ार 342 लोगों को 561 रेस्क्यू आपरेशनों में सुरक्षित निकाला। मुझे यह जानकार काफी खुशी है कि कोविड-19 के दौरान उत्कृष्ट कार्यों के लिए 12 हज़ार 591 सैनिक, कर्मचारी और अधिकारियों को कर्मवीर योद्धा पदक से सम्मानित किया गया। आपदा के समय होमगार्ड और सुरक्षा बल अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जिंदगी बचाने वाले देवदूत हैं। अपने प्राणों को संकट में डाल कर दूसरों की जान बचाने वाले यह देवदूत संकट के समय वास्तव में धरती पर भगवान का रूप होते हैं।

   राज्‍यपाल श्री पटेल ने छायांचित्र प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। छायाचित्र प्रदर्शनी में गृहमंत्री श्री मिश्रा द्वारा किए गए बचाव कार्य का छायाचित्र देखकर कहा कि मुझे गर्व है हमारे प्रदेश के गृहमंत्री ने भी स्‍वयं की जान की परवाह न कर लोगों के प्राण रक्षा का कार्य किया। उन्‍होंने भोपाल, उज्‍जैन, ग्‍वालियर तथा जबलपुर को दिए गए नवीन रेस्‍क्‍यू वाहनों की चाबियां तथा जिलों के दस प्‍लाटून कमांडर को एसडीईआरएफ के कार्य के लिए टेबलेट प्रदान किए। 

    गृहमंत्री डॉ. नरोत्‍तम मिश्रा ने कहा कि प्रस्‍तर शिल्‍प के माध्‍यम से तात्‍कालिक सभ्‍यता, संस्‍कृति,कार्य की पद्धति और व्‍यक्ति का आचरण भी उकेरा जाता है। उन्‍होंने कहा कि होमगार्ड/एसडीआरएफ के जवान के प्रति प्रदेश की जनता का माइन्‍ड सेटअप ऐसा बन रहा है कि किसी भी आपदा में हमारा जवान दिख जाता है तो विश्‍वास जगता है बचा ले जाएगा।                                                              

     स्‍वागत भाषण देते हुए पुलिस महानिदेशक होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन श्री पवन जैन ने कहा कि सरकार ने होमगार्डस की समस्‍याओं को हल करने के लिए सार्थक प्रयास किए हैं। दिसंबर माह में देश के बड़े शिल्‍पकारों ने ग्‍वालियर से मंगाए पत्‍थरों को तराश कर सात बड़े शिल्‍प बनाए हैं जो यहाँ स्‍थापित किए गए। ।

    कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्‍य सचिव गृह डॉ राजेश राजौरा, विशेष पुलिस महानिदेशक एसएएफ श्री मिलिंद कानश्‍कर, अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक श्री आदर्श कटियार, श्री योगेश चौधरी सहित अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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