इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना की स्थिति में सुधार हो रहा है

मध्य प्रदेश समाचार (MPIB) :इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। रिकवरी रेट बेहतर हो रहा है और पॉजिटिविटी दर लगातार गिर रही है। जिले में आगामी 31 मई तक यह प्रयास किया जाएगा कि सभी गांव कोरोना से मुक्त हो जाएं।

 जल संसाधन तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने  ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की स्थिति की समीक्षा बैठक में कहा की ऐसे प्रयास किये जाए कि हर हाल में 31 मई तक जिले के सभी गाँव कोरोना से मुक्त हो जाए। अभी वर्तमान में जनता कर्फ्यू का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए। गाँव का व्यक्ति गाँव में ही रहे। श्री सिलावट ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना कर्फ्यू निरंतर जारी रखा जाए।

बैठक में बताया गया कि जिले की 312 ग्राम पंचायतों में 603 गाँवों में कोरोना मुक्ति का अभियान चलाया जा रहा है। पिछले दो माह में 7599 मरीज ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमित पाए गए। इनमें से 6613 का उपचार करा कर उन्हें स्वस्थ किया गया। शेष मरीजों का उपचार चल रहा है। जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग साढ़े तीन हजार लोगों की प्रतिदिन जांच की जा रही है। पॉजिटिविटी दर लगातार कम हो रही है। कल 24 मई को मात्र 58 मरीज ही पॉजिटिव पाए गए।

श्री सिलावट ने कहा कि  ऐसे मरीज जो कोरोना से संक्रमित है, उन्हें उपचार के लिए कोविड केयर सेंटर में अनिवार्य रूप से भर्ती कराया जाए। कोई भी संक्रमित मरीज घर में नहीं रहे। सभी को कोविड केयर सेंटर में दाखिल कर उपचार कराया जाए। सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित सभी मरीजों की टेस्टिंग अनिवार्य रूप से हो।

 सर्वे कार्य में जनप्रतिनिधि भी सहयोग करें। कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की ट्रेसिंग की जाये। क्षेत्र में जहां अधिक मरीज आ रहे हैं उन क्षेत्रों को चिन्हित कर माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाये। गरीब परिवारों को तीन माह के राशन वितरण की ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये, जिससे राशन दुकानों पर भीड़ एकत्र ना हो।

मेडिकल किट का वितरण सुचारू रूप से किया जाये। कोरोना से माता-पिता की मृत्यु होने के कारण अनाथ हुये बच्चों की जानकारी एकत्र कर उन्हें 5 हजार रूपये प्रति माह पेंशन, मुफ्त राशन दिये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। स्ट्रीट वेंडर योजना के तहत पात्र हितग्राहियों की सहायता की जाये।

श्री सिलावट ने कहा कि डी.ए.पी. खाद बोरी पर 1200 रूपये की सब्सिडी की व्यवस्था हो। कोरोना पीड़ित का जिले के कम से कम 80 प्रतिशत प्रायवेट अस्पतालों में निःशुल्क ईलाज हो सके ऐसी व्यवस्था की जाये। आगामी मौसम को देखते हुये किसानों के लिए बीज एवं खाद की आवश्यकता का आंकलन करवाया जाय। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुये खाद एवं बीज उपलब्ध कराने की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये है।

अरूण राठौर
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